किताब का नाम: अर्धविराम- क्यूंकि
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कुल पेज : 70
रेटिंग्स : 4.5*/5
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लेखक के बारे में
प्प्रियंका एक ब्लॉगर हैं जो मानसिक
स्वस्थ्य विषय पर आवाज़ उठाती हैं. अपने कमजोर पालो का अपनाते हुए, लेखक ने ये सूंदर
कविताये लिखी हैं. प्कई समय से अनगिनत आर्टिकल्स लिख चुकी हैं. प्रियंका आपने काम से
लोगो में एक जीने की प्रेरणा जगती हैं.
किताब के बारे में
बहुत ही सूंदर कविताये लिखी हैं
लेखक ने. जो जीवन के हर संगर्ष को जताती हैं. जब आप पड़ेंगे तोह आप इनसे आपने आपको को
सम्बंदित कर पाओगे. तब आप लेखक की अनुभूति को समाज पाएंगे. की किस किश डोर से लेखक
ने अपने संगर्ष को हर न मान कर आगे बढ़कर उसका सामना किया हैं.
वैसे तोह सभी कविताये भोत अछि हैं
लेकिन मेरी मनपसंद ये तीन हैं. जिससे मुझे पढ़ने के बाद बहुत सुकून मिलता हैं.
1 . मेरा सहस मेरा सारथी - 24 नुम्बर
पेज पर
2 . जीने की जिद्द - 49 नंबर पेज
पर
3 . मेरा घर कहा हैं - 52 नंबर
पेज पर
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